चावल वाले बाबा का चमत्कार ! देर रात तक लगता है दरबार, फूल और चावल से बताते हैं भविष्य, 18 साल से नहीं किया भोजन

सक्ती। चावल वाले बाबा के नाम से प्रसिद्ध आचार्य नरेंद्र नयन शास्त्री इन दिनों सक्ती जिले के प्रवास पर हैं. आचार्य नरेंद्र नयन शास्त्री चाय वाले बाबा और चावल वाले बाबा के नाम से प्रदेश सहित पूरे देशभर में लोकप्रिय हैं. आचार्य नरेंद्र नयन शास्त्री लोगों के द्वारा लाए गए चावल को देखकर उनका भूत-भविष्य बताते हैं. उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं.हाल ही में बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री अपने चमत्कार के कारण काफी लोकप्रिय हुए हैं, जिसके बाद अब छत्तीसगढ़ के रहने वाले आचार्य नरेंद्र नयन शास्त्री की लोकप्रियता भी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. दूर-दूर से लोग अपनी समस्या का समाधान पाने के लिए चावल वाले बाबा के पास पहुंच रहे हैं.
आचार्य नरेंद्र शास्त्री का जन्म 29 जुलाई 1989 को रायपुर के पास सिलयारी गांव में हुआ था. आचार्य नरेंद्र नयन शास्त्री बताते हैं कि साढ़े 9 साल की उम्र में उन्होंने अपनी पहली देवी भागवत की थी, जिसके बाद पिछले 23 सालों से देशभर में भागवत कर रहे हैं. आचार्य नरेंद्र शास्त्री की शिक्षा दीक्षा राजीव बनारस में पूरी हुई है. अपनी हठधर्मिता के चलते उन्होंने कई सिद्धियां प्राप्त की हैं. चाय और चावल वाले बाबा के नाम से देशभर में जाने जाते हैं.
एक मुट्ठी चावल और फूल लेकर जाते हैं लोग
आचार्य नरेंद्र शास्त्री के पास लोग अपने घर से एक मुट्ठी चावल और लाल रंग के मदार का फूल लेकर जाते हैं, जिसे देखकर आचार्य नरेंद्र उनका नाम जन्म तिथि एवं उनकी समस्याएं उन्हें तत्काल बता देते हैं. साथ ही उनकी समस्याओं का समाधान भी उनको बताते हैं.
18 साल पहले त्याग दिए थे भोजन
आचार्य नरेंद्र नयन शास्त्री पिछले 18 साल से भोजन का त्याग कर दिया है. वह केवल लाल चाय और पानी पीकर ही जीवन जी रहे हैं. इस रहस्य को लेकर हमने उनसे बात की तो उन्होंने बताया कि यह फैसला उन्होंने हठधर्मिता के कारण लिया है. उसके पीछे की कहानी उन्होंने बताई.
आचार्य नरेंद्र नयन शास्त्री बताते हैं कि बचपन में वह और उनका परिवार काफी गरीब था. उनकी मां दूसरों के खेत में काम करके उनको बनारस पढ़ाई के लिए पैसे भेजा करती थी. अपनी आर्थिक स्थिति को देखकर उन्होंने भोजन का त्याग कर दिया और केवल पानी और चाय पीकर ही जीवन यापन करने का निश्चय लिया, जो आज सालों बाद भी जारी है.