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मुख्यमंत्रियों-मुख्य न्यायाधीशों का सम्मेलन:सीएम भूपेश बघेल भी कर रहे हैं शिरकत; CJI बोले- लक्ष्मण रेखा का सभी ध्यान रखें

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में देश भर के मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के चीफ जस्टिस का सम्मेलन शुरू हो गया है। दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल भी इस सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों और मुख्य न्यायधीशों के साथ मुलाकात की है।

सम्मेलन में मुख्यमंत्रियों की बैठक व्यवस्था अंग्रेजी वर्णमाला के क्रम थी। ऐसे में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को पहली पंक्ति में आंध्र प्रदेश के सीएम जगनमोहन रेड्‌डी, अरुणाचल प्रदेश के पेमा खांडू, दिल्ली के अरविंद केजरीवाल और असम के मुख्यमंत्रियों के साथ बिठाया गया था। सीएम बघेल ने उन सभी सहित सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना और छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरूप गोस्वामी से भी मुलाकात की है।

तय कार्यक्रम के मुताबिक मुख्यमंत्री बघेल दिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ सदन से शनिवार सुबह 9 बजे विज्ञान भवन के लिए रवाना हुए। मुख्यमंत्री वहां से शाम 5.30 बजे छत्तीसगढ़ सदन वापस लौटेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाम 7.30 बजे RBCC प्रेसिडेंट स्टेट में रात्रि भोज दिया है। मुख्यमंत्री उस रात्रि भोज में भी शामिल होने जाएंगे। वहां से लौटकर मुख्यमंत्री सीधे हवाई अड्‌डे पहुंचने वाले हैं, जहां से उन्हें 9 बजे की उड़ान पकड़नी है। मुख्यमंत्री रात 10.45 बजे तक रायपुर वापस पहुंचने वाले हैं।

मुख्यमंत्रियों और मुख्य न्यायाधीशों के इस सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। प्रधानमंत्री ने अप्रासंगिक कानूनों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, 2015 में हमने करीब 1800 ऐसे कानूनों को चिन्हित किया था जो अप्रासंगिक हो चुके थे। इनमें से केंद्र ने 1450 कानूनों को खत्म कर लोगों को राहत दी है। लेकिन राज्यों की तरफ से केवल 75 कानून ही खत्म किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने अदालतों को भी अपने कामकाज में स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने की भी बात कही।

सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने कहा, लक्ष्मण रेखा का ध्यान सबको रखना चाहिए। अगर कुछ भी कानून के अनुसार हो तो न्यायपालिका कभी भी शासन के रास्ते में नहीं आएगी। यदि नगर पालिकाएं, ग्राम पंचायतें अपने कर्तव्यों का पालन करती हैं। अगर पुलिस ठीक से जांच करती है और अवैध हिरासत की यातना समाप्त होती है, तो लोगों को अदालतों की ओर देखने की जरूरत ही नहीं होगी।

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