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ध्रुव चरित्र और सती चरित्र की कथा सुन भावि-विभोर हुए भक्त

ध्रुव चरित्र और सती चरित्र की कथा सुन भावि-विभोर हुए भक्त


@siddharth sharma खरसिया।
नावापारा(पूर्व) में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन की कथा में व्यासपीठ भागवत मर्मज्ञ पंडित टीकम दुबे जी ने ध्रुव चरित्र और सती चरित्र का प्रसंग सुनाया। ध्रुव चरित्र में भगवान ने भक्त की तपस्या से प्रसन्न होकर अटल पदवी देने का वर्णन किया।

नावापारा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में शुक्रवार को व्यास आचार्य जी ने कहा कि भगवान शिव की अनुमति लिए बिना उमा अपने पिता दक्ष के यहां आयोजित यज्ञ में पहुंच गईं। यज्ञ में भगवान शिव को निमंत्रण नहीं दिए जाने से कुपित होकर सती ने यज्ञ कुंड में आहुति देकर शरीर त्याग दिया। इससे नाराज शिव के गणों ने राजा दक्ष का यज्ञ विध्वंस कर दिया। इसलिए जहां सम्मान न मिले वहां कदापि नही जाना चाहिए। ध्रुव कथा प्रसंग में बताया कि सौतेली मां से अपमानित होकर बालक ध्रुव कठोर तपस्या के लिए जंगल को चल पड़े। बारिश, आंधी-तूफान के बावजूद तपस्या से न डिगने पर भगवान प्रगट हुए और उन्हें अटल पदवी प्रदान की। ऋषभ देव ने कथा सुनाते हुए कहा कि वह अपने पुत्रों को गोविंद का भजन करने का उपदेश देकर तपस्या को वन चले गए।

आचार्य जी ने आगे कहा सिर्फ भगवान का नाम ही मनुष्य को संकटों से उबारकर मोक्ष की ओर अग्रसर करता है। भक्त अगर सच्चे मन से ईश्वर की उपासना करता है तो ईश्वर उसकी मनोकामना पूरी करने पर मजबूर हो जाता है। कलयुग में सिर्फ ईश्वर का नाम लेने से मनुष्य के सारे कष्ट खत्म हो जाते हैं। कहा कि भागवत पुराण जैसी धार्मिक कथाएं मनुष्य के जीवन में सकारात्मकता का प्रवाह करते हुए उसे सत मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। समय निकाल कर कुछ देर तक सच्चे मन से इस कथा का श्रवण करने वाले भक्तों की मनोकामना भगवान जरूर पूरी करते हैं।

आपको बता दें यह आयोजन नावापारा के प्रतिष्ठित पटेल परिवार के द्वारा स्वर्गीय इंदुमती पटेल की स्मृति में कराया जा रहा कथा के मुख्य यजमान रामधन पटेल,राम प्रसाद पटेल,बालकुमार पटेल सुनील कुमार पटेल,विनोद पटेल, मनीष पटेल ,अजय पटेल प्रदीप पटेल, सोनू संजू एवं समस्त पटेल परिवार हैं । कथा यज्ञ के मुख्य आचार्य पंडित तरुण दुबे, और दिनेश दुबे द्वारा वैदिक मंत्रों से प्रातः काल विशेष अर्चन किया जा रहा। जिससे भक्तिमय वातावरण बना हुआ है। कथा में जामपाली के गौटिया जी श्री खिलेश्वर नायक जी द्वारा विशेष रूप से झांकी नृत्य की प्रस्तुतियां दी जा रही है और कथा यज्ञ में आस पास के सभी श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित होकर भगवान की मंगलमय कथा का रसास्वादन कर रहे हैं ।

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