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जो सच्चा भक्त होता है भगवान उसी की परीक्षा लेते हैं : आचार्य दिव्यआनंद

op*जो सच्चा भक्त होता है भगवान उसी की परीक्षा लेते हैं : आचार्य दिव्यआनंद*

*प्रतीक्षा का सकारात्मक परिणाम जरूर मिलता है*

*शिवशक्ति सदन बरगढ में बह रही श्रीमद्भागवत कथा सरिता*

@Siddharth sharma खरसिया।
बरगढ़ के प्रसिद्ध धार्मिक सामाजिक व्यक्तित्व के धनी शिवप्रसाद डनसेना तथा श्रीमती मेनका डनसेना द्वारा शिवशक्ति सदन में आयोजित श्रीमद्भागवत संगीतमय कथा में व्यासपीठ युवा कथा वाचक श्रद्धेय पं दिव्यआनंद तिवारी ने कहा कि जब तक हमारे जीवन में प्रतीक्षा नहीं होगी, तब तक ईश्वर से हमारा साक्षात्कार नहीं हो सकता। गोपियों के मन में भी तीव्र प्रतीक्षा थी। गोपियां कोई और नहीं ऋषि मुनि जन ही थे, जिन्होंने अनेकों जन्मों तक श्रीकृष्ण की प्रतीक्षा की थी। प्रतीक्षा का सकारात्मक परिणाम जरूर मिलता है। वहीं कहा कि जो सच्चा भक्त होता है भगवान उसी की परीक्षा लेते हैं, ताकि उसमें कोई खोट ना बच पाए। जब वह पूर्ण रुप से निर्मल हो जाता है तो भगवान स्वयं उसके सामने प्रकट हो जाते हैं। गोपियों ने तो स्वयं को श्रीकृष्ण मय कर लिया था। जहां सच्चा प्रेम होता है, वहां भगवान को भी आने की मजबूरी हो जाती है।

श्रीमद्भागवत कथा के आयोजक शिवप्रसाद डनसेना तथा श्रीमती मेनका डनसेना ने भाटागांव बरगढ़ में विशाल पांडाल बनाया है, जो श्रोता भक्तों से खचाखच भरा रहता है। दिन प्रतिदिन यहां भक्तों की भीड़ बढ़ती चली जा रही है।

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