राहुल वाला गड्ढा देखने पहुंचते हैं लोग, पाटने की मांग:रेस्क्यू ऑपरेशन में खोदी गई टनल अभी तक खुली है; ग्रामीणों का प्रशासन को पत्र-कोई अनहोनी न हो जाए

जांजगीर-चांपा में के बोरवेल में गिरा राहुल का उपचार बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में जारी है। हर दिन उसकी तबीयत और बेहतर होने की तस्वीरें व खबरें सामने आ रही हैं। वहीं दूसरी ओर उसके गांव पिहरीद के ग्रामीणों की चिंता बारिश के साथ बढ़ने लगी है। राहुल को बचाने के लिए खोदा गया गड्ढा और टनल अभी तक खुले पड़े हैं। ऐसे में ग्रामीणों को अनहोनी का डर है। इसे लेकर उन्होंने कलेक्टर को पत्र भी लिखा है कि राहुल वाला गड्ढा पाट देना चाहिए।
दरअसल, मालखरौद ब्लॉक के पिहरीद गांव निवासी 10 साल का राहुल साहू उसके घर के पीछे खुले हुए 60 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था। सेना, NDRF, SDRF और प्रशासन ने देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन 105 घंटे तक चलाकर राहुल को बचाया। इस रेस्क्यू अभियान की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी तारीफ की। वहीं देश भर में खबर भी सुर्खियां बन गई। अब इस रेस्क्यू ऑपरेशन में खोदा गया गड्ढा ग्रामीणों के लिए डर बन गया है। यह गड्ढा करीब 65 से 70 फीट गहरा और इतना ही चौड़ा है।
पिहरीद गांव के निवासी वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि इस गड्ढे को देखने के लिए हर रोज बड़ी संख्या लोग गांव पहंुचते हैं। साथ ही गांव के लोग भी वहां आते-जाते हैं। ग्रामीणों को यह डर सता रहा है कि इस गड्ढे की वजह से कोई अनहोनी ना हो जाए। अब मानसून में रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है। ऐसे में पानी भरने के बाद इस गड्ढ़े की स्थिति और खतरनाक साबित हो सकती है। ग्रामीणों का कहना है कि इसमें गिरने वाले को बचाना मुश्किल होगा। मवेशियों के गिरने का खतरा तो हमेशा बना रहता है।
इस रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान बड़ी-बड़ी मशीनें लगाकर गड्ढा खोदा गया। उसका सारा मलबा गांव के किसान राज चंद्रा के खेत में डंप किया गया है। इसके कारण उसका करीब डेढ़ एकड़ का खेत उसी के नीचे दब गया है। राज चंद्रा ने भी जिला प्रशासन जल्द से जल्द गड्ढे को भरने और अपने खेत से मलवा हटाने का लिखित आवेदन दिया है। वहीं ग्रामीणों ने भी गड्ढा भरने के लिए प्रशासन से गुहार लगाई है।
राहुल साहू (10) 10 जून की दोपहर 2 बजे के बाद से कुछ पता नहीं चल रहा था। जब घर के ही कुछ लोग बाड़ी की तरफ गए तो राहुल के रोने की आवाज आ रही थी। गड्ढे के पास जाकर देखने पर पता चला कि आवाज अंदर से आ रही है। बोरवेल का गड्ढा 60 फीट गहरा था। राहुल मूक-बधिर है। मानसिक रूप से काफी कमजोर है, जिसके कारण वह स्कूल भी नहीं जाता था। घर पर ही रहता था।