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छत्तीसगढ़

एसईसीएल ने 12 साल बाद भी नहीं दी नौकरी, परेशान होकर बेरोजगार युवक ने की जान देने की कोशिश

कोरबा। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के अधिकारियों और कर्मचारियों के लापरवाह रवैये के कारण खासतौर पर विस्थापित वर्ग काफी परेशान है। कुसमुंडा क्षेत्र के 1 गांव में विस्थापित होने के बाद प्रबंधन के द्वारा नौकरी नहीं देने से नाराज होकर युवक ने खुदकुशी का प्रयास किया। पुलिस को दिए बयान में उसने इस बात का जिक्र किया है। पीड़ित का उपचार कोरबा के जिला अस्पताल में चल रहा है। समय के साथ नए-नए मामले सामने आ रहे हैं जिसमें कोयला कंपनी एसईसीएल की कारगुजारी उजागर हो रही है। ताजा मामला कुसमुंडा क्षेत्र से जुड़ा हुआ है, जहां पर बर कोटा गांव के विस्थापित प्रशांत शुक्ला ने कंपनी की वादाखिलाफी से तंग आकर जिंदगी से छुटकारा पाने का प्रयास किया।
पाली पठानिया गांव में युवक ने फिनाइल का सेवन कर लिया था। उल्टी करने के बाद उसे एंबुलेंस से जिला अस्पताल लाया गया। उसके पिता राजीव शुक्ला ने बताया कि नौकरी नहीं मिलने से वह परेशान था। बताया गया कि बर कोटा गांव में उनकी 1 एकड़ 54 डिसमिल जमीन थी जो एसईसीएल ने अपनी खदान के लिए 10 12 वर्ष पहले अधिग्रहित की थी। मुआवजा देने के साथ एक आश्रित को नौकरी दिए जाने के अंतर्गत उसके पुत्र ने नामांकन किया था। लगभग 12 वर्ष बीतने के बाद भी नौकरी का अता-पता नहीं है। भविष्य को लेकर वह काफी परेशान है। युवक के पिता का आरोप है कि पात्र व्यक्ति को नौकरी देने के मामले में ऐसे अधिकारी लगातार आश्वासन दे रहे हैं लेकिन काम नहीं कर रहे हैं। फिनाइल का सेवन करने वाले युवक का उपचार जिला अस्पताल में जा रही। अस्पताल से मेमो मिलने के आधार पर अगली कार्रवाई की जा रही है। जिला अस्पताल चौकी के ऐड कॉन्स्टेबल ने बताया कि युवक ने लिख कर मामले के बारे में जानकारी दी है और नौकरी नहीं मिलने से परेशानी होने की बात कही है।

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