खरसिया क्षेत्र में बह रही है भागवत कथा की बयार
भागवत कथा में पं. चन्दनकृष्ण जी महाराज ने आज सुनाया सुदामा चरित्र

खरसिया- ग्राम घाघरा, खरसिया में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा में सोमवार को क्षेत्र के प्रसिद्ध कथावाचक कथा व्यास पं. चन्दनकृष्ण जी महाराज ने आज सुदामा चरित्र की कथा सुनाई। इस कथा मे परीक्षत के रूप में कृष्ण कुमार राठौर व उनकी पत्नी गंगा देवी राठौर मौजूद रहीं। कृष्ण सुदामा की मित्रता की गहराई की कथा सुनाते हुए पं.चन्दनकृष्ण जी महाराज ने बताया कि
जब सुदामा श्रीकृष्ण गुरुकुल में पढ़ते थे, एक दिन जंगल में लकड़ी लेने गए तब श्रीकृष्ण के हिस्से के भी चने सुदामा खा गए। श्रीकृष्ण जब द्वारिकाधीश बने, सुदामा गरीबी के कारण भिक्षा मांगकर खाते तो, एक दिन उनकी धर्मपत्नी ने जबरदस्ती श्रीकृष्ण के दरबार मे भेजा। चावल लेके चल दिए। सुदामा दुबले थे। थककर सो गए। श्रीकृष्ण ने अपनी योग माया से सुदामा को द्वारिका बुलवाया। इसके बाद उनका आदर सत्कार किया गया। जहां जो चावल सुदामा लाए उन्हें देने में सुदामा संकोच कर रहे थे। लेकिन भगवान श्रीकृष्ण ने चावल की पोटली लेकर दो मुठ्ठी चावल खाकर सुदामा को बिना मांगे ही सब कुछ दे दिया। इस कथा के दौरान लोग भाव विभोर नजर आए।